Fipronil 80 WG Uses In Hindi (फ़िप्रोनिल 80 WG का प्रयोग)

यह फिनाइल पाइराजोल समूह का कीटनाशी है इसमें सर्वांगी (Systemic) यौगिक होने के साथ ही सम्पर्क (Contact) और उदरीय (Stomach) गतिविधि भी होती है फिप्रोनिल तंत्रिका कोशिका गामा एमिनोब्यूटाइरिक एमिड (GABA) द्वारा नियंत्रित क्लोराइड माध्यम को अवरोधित कर देता है इसको तना बेधक, गाल मक्खी, थ्रिप्स, शूट बोरर, लीफ़ फोल्डर के विरूद्ध प्रभावी पाया गया है और इसका उपयोग गन्ना, कपास, चावल और गोभीवर्गीय फसलों में लिया जा सकता है भारत में यह 5 प्रतिशत SC और 0.3 प्रतिशत GR के रूप में रजिस्टर्ड है इसमे किसान भाई हमे Fipronil 80 WG टेक्निकल मिलता है ,यंह  Wettable ग्रानुलेर फॉर्म में आता है. यंह एक Systemic insecticide है. जो सिस्टमिक तरीकेसे काम करता है,पौधे के तंत्रिका तंत्र में जाकर किट की रोकथाम करता है

कार्रवाई का तरीका - मुख्य रूप से कुछ पूरक संपर्क क्रिया के साथ अंतर्ग्रहण विषाक्त के रूप में कार्य करता है और तंत्रिका आवेग संचरण में हस्तक्षेप करके कार्य करता है।

विशेषताएं -

  • इनोवेटिव फॉर्म्युलेशन (फ्लुइड बेड टेक्नोलॉजी) - हैंडलिंग, मापन और डोजिंग में आसानी। यह धूल के कणों से मुक्त है, फसल पर बेहतर कवरेज के लिए पानी में उत्कृष्ट निलंबन है।
  • कम डोज फिप्रोनिल ग्रेन्यूल्स को डोज रेट पर लगाया जाता है, क्योंकि कुछ ग्राम प्रति हेक्टेयर कम से कम प्रमुख कीटों के खिलाफ प्रभावी होते हैं।
  • आईपीएम के लिए उपयुक्त: आईपीएम के लिए फिप्रोनिल एक आदर्श विकल्प है।
  • पौधों की वृद्धि में वृद्धि: फिप्रोनिल ने कई फसलों में पौधों की वृद्धि को बढ़ाने वाला प्रदर्शन दिखाया है।
  • लंबी सुरक्षा: लंबी अवधि के लिए फसल की रक्षा करता है।
  • न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव: व्यापक शोध से पता चला है कि फिप्रोनिल का पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव है।

यह किन किन कीटो की रोकथाम करता है ?

यंह मुख रूपसे स्टेम बोरर , पत्ता लपेटक और थ्रिप्स और दीमक इत्यादि को खत्म करता है , इसके अलावा यंह अफ्फिद, जेस्सिद और सफ़ेद मछर को कंट्रोल करता है। मोड ऑफ़ एक्शन कि बात करे तो यंह पौधे के सिस्टम में जाकर पुरे पौधे में फैलता है। जैसे ही कीट पत्तियों से रस चूसता है। यंह किट के Respiratory सिस्टम में जाकर उसे ब्लॉक करता है और कीट की केन्द्रीय तंत्रिकाओं को डैमेज कर कीट को मार गिराता है। यदि इसके रिजल्ट टाइम कि बात करें तो 15-20 दिन तक इसका अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है। इसे आप टॉनिक ,NPK, किसी भी प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर के साथ मिलाक़र करके छिडकाव किया जा सकता है। लेकिन इसे आप खरपतवार नाशक के साथ भूलकर भी प्रयोग ना करें यह फसल को नुकसान पहुंच सकता है।

फिप्रोनिल 80% WG का इस्तेमाल हम किन किन फसलों में कर सकते हैं?

मुख्यतः हम इसका छिडकाव धान,गेहूं, मक्का, कपास, अंगूर, और सब्जियों में कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसे सोयाबीन, मुंग, उड़द, मिर्च, कपास में कर सकते है साथ ही अन्य सब्जी वर्गीय फसलो में कर सकते है। 

1. अंगूर- पौधे को तनाव से बचाता है , फूलो की गलन कम करता है। अंगूर में थ्रिप्स, सफ़ेद मच्छर और अफ्फिद को कंट्रोल करता है. पौधे को सुरक्षा प्रदान करता है। उपज को बढ़ाने केलिये सहायक है व पौधे को मजबूती देता है। पोधे का विकास करने मे सहायता करता है। पौधे को हराभरा रखने मे मदत करता है। पौधे को रोगों से लड़ने में सहायता करता है।

2. धान- धान में होने वाले मुख्यरूप से स्टेम बोरर, पत्ता लपेटक को कंट्रोल करता है साथ ही सफ़ेद मच्छर और अफ्फिद को कंट्रोल करता है। सुरक्षा प्रदान करता है उपज में वृद्धी के लिये सहायक है। पौधे को मजबूती देता है। पौधे का विकास करने मे सहायता करता है। फसल को हराभरा रखने मे मदत करता है। पौधे को रोगों से लड़ने में सहायता करता है।

3. सोयाबीन- सोयाबीन में मुख्यतः सफ़ेद मच्छर, स्टेम बोरर, पत्ता लपेटक और अफ्फिद को कंट्रोल करता है और फसल को सुरक्षा प्रदान करता है। उपज को बढ़ाने में मदत करता है तथा फसल को मजबूती देता है। विकास करनेमे मदत करता है। पौधे को हराभरा रखने मे मदत करता है तथा पौधे को रोगों से लड़ने में सहायता करता है।

4. मुंग- मुंग में मुख्यतः सफ़ेद मच्छर और अफ्फिद को कंट्रोल करता है। उपज में वृद्धी के लिये सहायक है एवं  फसल को मजबूती देता है तथा सुरक्षा प्रदान करता है। पौधे का विकास करने मे सहायता करता है। फसल को हरा-भरा रखने मे मदत करता है. पौधे को रोगों से लड़ने में सहायता करता है।

5. उड़द- उड़द में मुख्यतः सफ़ेद मछर और अफ्फिद को कंट्रोल करता है। पौधे को सुरक्षा प्रदान करता है. उपज बढ़ाने में मदत करता है एवं मजबूती देता है व क्वालिटी बनाये रखता है। पौधे का विकास करने में सहायता करता है व पौधे को रोगों से लड़ने में सहायता करता है।


प्रयोग का तरीका - 02 ग्राम  प्रति 10 लीटर पानी में घोलके छिडकाव कर सकते है आप दो बार छिडकाव कर सकते है. इसके साथ आप प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर जैसे कि ह्युमिक एसिड/ फुल्विक एसिड या जिबरेलिक एसिड या कोई भी टोनिक भी प्रयोग कर सकते है छिडकाव करने से पहले स्प्रे मशीन को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए साथ ही यदि हो सके तो स्टीकर/चिपको मिलाकर छिडकाव करना चाहिए