ग्लाइफोसेट का प्रयोग (How to Use Glyphosate)

किसानों को पता है कि ग्लाइफोसेट उनकी सेहत के लिए सही नहीं है। इसके बावजूद वो इसे खरीद रहे हैं। हर साल इसकी खपत बढ़ती जा रही है। ग्लायफोसेट उस रसायन का नाम है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये किसानों को कैंसर जैसी घातक बीमारियां दे रहा है। कई तरह की जांच में ये साबित भी हो चुका है। हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगायी है। वहीं, महाराष्ट्र के यवतमाल और तेलंगाना में भी ग्लायफोसेट युक्त राउंडअप पर रोक है। खरपतवारनाशी इस रसायन से होने वाले नुकसान के बारे में लगातार ख़बरें आती रही हैं। पिछले दिनों ही अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में राउंडअप बनाने वाली कंपनी मोनसेंटो पर 29 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था, एक स्कूल के माली ने अपने कैंसर के लिए राउंडअप को जिम्मेदार ठहारते हुए कोर्ट में याचिका डाली थी। कई दूसरे देशों में मामले कोर्ट पहुंचे हैं, बावजूद इसके भारत समेत कई देशों में इसकी बिक्री हो रही है और किसान इस्तेमाल कर रहे हैं। इस रसायन (ग्लायफोसेट) का इस्तेमाल खेतों से खरपतवार और जंगली घास को नष्ट करने के लिए किया जाता है। इसे मॉनसेंटो नाम की कंपनी बनाती है। यह कंपनी अपने कई प्रोडक्ट को लेकर पहले भी विवादों में घिर चुकी है। मोनसेंटे भारत में ग्लायफोसेट को राउंडअप के नाम से बेच रही है।

ग्लाइफोसेट क्या है?

  1. ग्लाइफोसेट में 41% ग्लाइफोसेट होता है, जो एक एंजाइम को अवरुद्ध करके खरपतवारों को मारता है जो पौधों के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। Glyphosate 41 SL को पानी में घोलकर छिड़काव किया जाता है।
  2. ग्लाइफोसेट एक खरपतवारनाशी है तथा इसका IUPAC नाम N-( Phosphonomethyl) Glycine है। इसका सर्वप्रथम प्रयोग 1970 में शुरू किया गया था। फसलों तथा बागानों में उगने वाले अवांछित घास-फूस को नष्ट करने के लिये इसका व्यापक पैमाने पर उपयोग होता है।
  3. यह एक प्रकार का गैर-चयनात्मक (Non-Selective) खरपतवारनाशी (Herbicide) है जो कई पौधों को नष्ट कर देता है। यह पौधों में एक विशेष प्रकार के प्रोटीन के निर्माण को रोक देता है जोकि पौधों के विकास के लिए सहायक होते हैं।
  4. ग्लाइफोसेट मिट्टी को कसकर बांधे रखता है, इस वजह से यह भूजल में भी नहीं मिलता। यह विशेष परिस्थितियों में 6 महीने तक मिट्टी में बना रह सकता है तथा मिट्टी में बैक्टीरिया द्वारा इसका अपघटन होता है।
  5. हालाँकि शुद्ध ग्लाइफोसेट जलीय या अन्य वन्यजीवों के लिये हानिकारक नहीं है, लेकिन ग्लाइफोसेट युक्त उत्पाद, उनमें मौजूद अन्य अवयवों के कारण विषाक्त हो सकते हैं। ग्लाइफोसेट अप्रत्यक्ष रूप से पारिस्थितिकी को प्रभावित कर सकता है क्योंकि पौधों के नष्ट होने से वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  6. इंसानों के ग्लाइफोसेट के बाहरी संपर्क में आने से उनकी त्वचा या आँखों में जलन हो सकती है। इसको निगलने से मुँह तथा गले में जलन, उल्टी, डायरिया आदि लक्षण हो सकते हैं।
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ग्लाइफोसेट कैसे काम करता है?

  1. ग्लाइफोसेट औरगेनोफॉस्फोरस समूह के खरपतवारनाशकों से संबंधित है।
  2. ग्लाइफोसेट बिना फसल वाले क्षेत्रों में एवं फसलों के बीच खाली स्थानों पर चौड़ी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण हेतू असरकारक खरपतवारनाशी है।
  3. ग्लाइफोसेट की कार्य विधि: EPSP सिन्थेज एवं अमीनो एसिड का बनना बंद कर देता है।
  4. ग्लाइफोसेट  अपनी शक्तिशाली प्रवाही प्रक्रिया द्वारा जल्दी से पौधों में अवशोषित हो जाता है तथा पौधे के पूरे भागों में फैल जाता है।

प्रभावी -

अरुंडिनेला बेंगालेंसिस, एक्सोनोपस कंप्रेसस, सियनोडोन डैक्टिलॉन (दूब घास ), इम्पेराटा बेलनाकार, कलम घास, पास्पलम स्क्रोबिकुलेटम, पॉलीगोनम परफोलिएटम, सोघम हेलपेंस और अन्य द्विबीजपत्री और एकबीजपत्री आम तौर पर सामान्य नियंत्रण में उपयोगी है !

लाभ -

  1. ग्लाइफोसेट एकवीर्य एवं बहुवीर्य खरपतवारों के नियंत्रण हेतू असरकारक है।
  2. ग्लाइफोसेट का प्रयोग बगीचे, जंगली जमीन एवं बिना फसल वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है।
  3. ग्लाइफोसेट पर्यावरण एवं मिट्टी के सूक्ष्म जीवों के लिए सुरक्षित है। यह जल्दी से मिट्टी के संपर्क में आने पर छूटकर फोस्फोरस अव्ययों में बदल जाता है।
  4. ग्लाइफोसेट खरपतवारों के पूरी तरह विकसित पत्तियों पर प्रयोग किया जा सकता है और यह सावधानी बरतनी जरूरी है कि धाम पर धूल के कण नहीं होने चाहिए। और वर्षा होने के बाद इसका प्रयोग करना ज्यादा बेहतर रहता है।


कैसे इस्तेमाल करे -

उपयोग एवं मात्रा-

फसल

खरपतवार

मात्रा प्रति एकड़

प्रतीक्षा अवधि (दिन)

संरचना (मिली)

पानी की मात्रा (लीटर)

चाय

चौड़ी पत्ती वाले और वार्षिक खरपतवार सवाना घास, दुध घास, सिरु/उल, डेविल्स टेल, कोडो, बारानाल/डोका, कलम घास

800-1200

180

21

गैर फसली क्षेत्र

बरु पास और अन्य मोनोकोट और डाइकोट खरपतवार, सामान्य खरपतवार नियंत्रण

800-1200

200

-

नोट- खरपतवारनाशक के छिड़काव के लिए हमेशा फ्लड जेट या फ्लैट फैन नोजल का इस्तेमाल करे।


सावधानियां कृपया इस्तेमाल करने से पहले सलग्न लेबल और लीफलेट को पढ़ ले और प्रदत्त निर्देशों का पालन करे। उत्पादों के पैकेज का निपटान सुरक्षित ढंग से किया जाना चाहिए, ताकि पर्यावरण और जल प्रदूषण ना हो।

सूचना- उत्पादों का भण्डारण और इस्तेमाल हमारे नियंत्रण से बाहर है, इसलिए हम अपने उत्पादों की एकसमान गुणवत्ता के अलावा और किसी भी चीज का उत्तरदायित्व नहीं लेते हैं।

ग्लाइफोसेट का दुष्प्रभाव/साइड इफेक्ट?

निम्नलिखित उन संभावित दुष्प्रभावों की सूची है जो उन दवाओ से हो सकते हैं जिनमें Glyphosate (गलीफॉसट) शामिल होता है। यह व्यापक सूची नहीं है। ये दुष्प्रभाव संभव हैं, लेकिन हमेशा नहीं होते हैं। कुछ दुष्प्रभाव दुर्लभ, लेकिन गंभीर हो सकते हैं। यदि आपको निम्नलिखित में से किसी भी दुष्प्रभाव का पता चलता है, और यदि ये समाप्त नहीं होते हैं तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

➤ बेहोशी
➤ त्वचा की जलन
➤ जठरांत्र पथ में जलन
➤ श्वसन प्रणाली में जलन
➤ वर्धित सांस लेना

📢यदि आपको किसी ऐसे दुष्प्रभाव का पता चलता है जो ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है तो चिकित्सीय सलाह के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें। आप अपने स्थानीय खाद्य और दवा प्रबंधन अधिकारी को भी दुष्प्रभावों की सूचना दे सकते हैं।