Waste Decomposer वेस्ट डीकंपोजर, गाय के गोबर से खोजा गया एक तरल उत्पाद है. इसमें सूक्ष्म जीवाणु होते हैं जो फसल अवशेष, गोबर, जैव कचरे को खाते हैं और तेज़ी से बढ़ते हैं. वेस्ट डीकंपोजर के कई फ़ायदे हैं:
- कृषि कचरा, जानवरों का मल, किचन का कचरा तथा शहरों का कचरा जैसे सभी नाशवान जैविक सामग्री 40 दिनों के भीतर गल कर जैविक खाद बन जाती है। किसानों का अनुभव इस लिंक के माध्यम से देख सकते हैं।
- वेस्ट डीकंपोजर से बीजों का उपचार करने पर बीजों का 98 प्रतिशत मामलों में शीघ्र और एक सामान अंकुरण की घटनाएं देखने में आया हैं तथा इससे अंकुरण से पहले बीजों को संरक्षण प्रदान होता है।
- वेस्ट डीकंपोजर का पौधों पर छिड़काव करने से विभिन्न फसलों में सभी प्रकार की बीमारियों पर प्रभावी ढ़ग से रोक लगती है।
- वेस्ट डीकंपोज का उपयोग करके किसान बिना रसायन उर्वरक व कीटनाशक के फसल उगा सकते हैं। इससे यूरिया, डीएपी या एमओपी की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- वेस्ट डीकंपोजर का प्रयोग करने से सभी प्रकार की कीटनाशी/फफूंदनाशी और नाशी जीव दवाईयों का 90 प्रतिशत तक उपयोगकम हो जाता है क्योंकि यह जड़ों की बीमारियों और तनों की बीमारियों को नियंत्रित करता है।
- इसका इस्तेमाल करके किसान बिना रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के फ़सलें उगा सकते हैं।
- इससे मिट्टी की भौतिक और रासायनिक दशा में सुधार होता है।
- बीजों का उपचार करने पर, 98 प्रतिशत मामलों में बीज जल्दी और समान रूप से अंकुरित होते हैं।
- पौधों पर छिड़काव करने से, कई तरह की फ़सलों में बीमारियों से बचाव होता है।
- छिड़काव के बाद, खेत में हल्की सिंचाई करें और फिर हल्की जुताई करें।
वेस्ट
डीकंपोजर बनाने का तरीका –
- 150 ग्राम गुड़ को लेकर 5 लीटर पानी में मिला लें।
- पूरे मिश्रण को अच्छी तरह उबाल लें और उसके बाद उसमें से सारी गंदगी निकाल कर फेंक दें।
- मिश्रण को किसी चौकोर बर्तन जैसे ट्रे या टब में ठंडा होने के लिए रख दें।
- जब मिश्रण गुनगुना हो जाए तो इसमें 50 ग्राम बेसन मिला लें।
- 4 कैप्सूल खोलें और मिश्रण में डालें। लकड़ी के डंडे से अच्छी तरह मिला लें।
- मिश्रण को सामान्य तापमान वाली जगह पर रखें।
- इसे एक हल्के कपड़े से ढक दें और मिश्रण को अब और न हिलाएं।
- दो से तीन दिन में मिश्रण पर क्रीम जमने लगेगी और उसमें अलग-अलग रंग नजर आने लगेंगे।
- चार दिनों के बाद, मिश्रण के ऊपर क्रीम जम जाएगी। अब, 5 लीटर गर्म गुड़ का घोल (बिना बेसन के) डालें।
- 5 लीटर गर्म गुड़ का घोल डालने की क्रिया को हर दो दिन में तब तक दोहराएं जब तक मिश्रण 25 लीटर तक न पहुंच जाए। 25 लीटर मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें और उपयोग के लिए मिश्रण तैयार कर लें।
"जय
जवान जय किसान"
हमारा
किसान हर समय तैयार,
चाहे
वो हरित क्रांति दौर हो या पर्यावरण सुरक्षा का।